अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह फाइल के जल्द निपटारे के लिए दिल्ली सरकार से कहे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लंबित है, जिसके बाद अदालत ने यह टिप्पणी की। इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने दिल्ली पुलिस को देशद्रोह मामले में संबंधित अधिकारी से मंजूरी लिए बिना ही आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए फटकार लगाई थी।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले के आरोपी के रूप में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य कश्मीरी छात्रों के खिलाफ 14 जनवरी को आरोप-पत्र दाखिल किए थे।
इन लोगों पर देशद्रोह, जानबूझ कर चोट पहुंचाने, धोखाधड़ी, नकली दस्तावेज का इस्तेमाल करने, एक उद्देश्य के लिए गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने, दंगा फैलाने और आपराधिक साजिश रचने से निपटने वाली भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
यह मामला संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी पर लटकाए जाने की बरसी पर फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। कुमार और खालिद ने आरोपपत्र दाखिल करने पर यह कहते हुए सवाल उठाए हैं कि यह 'राजनीति से प्रेरित' है और आम चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा 'ध्यान भटकाने की चाल' है।